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Kalyanak Tap
Registration

सब चलो कल्याणकारी
कल्याणक तप की आराधना करे.....

30/04/2023 (वैशाख सुद - 10) - 17/05/2024 (वैशाख सुद - 9) 

This form no longer accepts submissions.

तप

  1. जिस दिन भगवान का एक कल्याणक हो उस दिन एकासणा करना है |

  2. दो कल्याणक हो उस दिन आयंबिल करना है |

  3. तीन कल्याणक हो उस दिन आयंबिल व अगले दिन एकासणा करना है |

  4. चार कल्याणक हो तब उपवास करना है |

  5. पांच कल्याणक हो उस दिन उपवास व अगले दिन एकासणा करना है |

  6. पुरे साल में आपको Total 83 एकासणा, 15 आयंबिल, 01 उपवास करना है |

Rules & Regulations

  1.  इस तप में रजिस्ट्रेशन करने के shalibhadra.org Website पर Visit करे

  2. इस तप में सभी उम्र के श्रावक श्राविका और बालक बालिकाए जुड़ सकते हैं

  3.  सभी कल्याणक की कम से कम 20 माला उसी दिन गिननी होगी (अगर कम गिनी हो तो बाकी माला दुसरे दिन ही पूरी करे )

  4. कल्याणक के दिन जिनपूजा, चैत्यवंदन / गुरुवदंन और ज्यादा से ज्यादा सामायिक करे।

  5. शक्य हो तो ज्यादा से ज्यादा धार्मिक अभ्यास करे |

  6. श्री सीमंधरस्वामी का जिस दिन कल्याणक है उस दिन अन्य 20 विहरमान तीर्थकरों के वही कल्याणक है। सो उनके नाम के आगे के पृष्ठ पर दिए गए हैं। उस हिसाब से उनका भी उसी दिन जाप करे याने आप 20 + 20 माला भी गिन सकते हैं।

  7. जिस दिन कल्याणक नही है, उस दिन कम से कम नवकारसी एवं चौविहार तो जरुर करे ।

  8. बाहर के अभक्ष्य अनंतकाय, कंदमूल, हॉटल, बेकरी आदि सभी चीजों का त्याग करे।

  9. उपरोक्त नियमों मे और पोईन्ट में कोई भी फेरबदल करने का अधिकार सिर्फ शालिभद्र ग्रुप के पास रहेगा।

विधि

12 लोगस्स का काउसग्ग, 12 साथिया, उसके उपर 12 - फल, नैवेद्य रखना तथा 12- खमासमणा देना।

खमासमण का दुहा :

परम पंच परमेष्ठि मां, परमेश्वर भगवान,

चार निक्षेपे ध्याईए, नमो नमो श्री जिन भाण ॥

काउसग्ग पद :

श्री (जिस प्रभु का कल्याणक हो उन भगवान का नाम बोलना )

कल्याणक ( जो कल्याणक हो वह बोलना ) आराधनार्थ काउसग्गं करूं?

 

इच्छं, श्री........ . स्वामी....... कल्याणक आराधनार्थ करेमि काउसग्गं, वंदनवत्तियाए, अन्नत्थ- 12 लोगस्स का काउसम्म (सागर वर गंभीरा तक करना ) फिर प्रगट लोगस्स बोलना।

(कल्याणक की आराधना करने वाले भाग्यशाली को दोनों समय प्रतिक्रमण, पडिलेहण, त्रिकाल देववदंन, ब्रम्हचर्य का पालन इत्यादि यथाशक्ति करना चाहिये।)

बीस विहरमान तीर्थकरो के कल्याणको की भी आराधना उपरोक्त वर्तमान चौवीशो के तीर्थंकर प्रभु के कल्याणक विधि अनुसार करनी चाहिए।

जाप

20 नवकारवाली निम्न अनुसार गिननी चाहिए एवं जिस भगवान का कल्याणक हो उन प्रभु का नाम जाप के पद में खाली स्थान में जोड़ना।

1. च्यवन कल्याणक हो तो: ॐ ह्रीं श्रीं.....परमेष्ठिने नमः ॥

2. जन्म कल्याणक हो तोः ॐ ह्रीं श्रीं .....अर्हते नमः ॥

3. दीक्षा कल्याणक हो तो : ॐ ह्रीं श्रीं.....नाथाय नमः ॥

4. केवलज्ञान कल्याणक हो तो :ॐ ह्रीं श्रीं .....सर्वज्ञाय नमः ॥

5. मोक्ष कल्याणक हो तो : ॐ ह्रीं श्रीं .....  पारंगताय नमः ॥

​लाभार्थी परिवार 

मातुश्री हीरालक्ष्मी खांतिलाल शाह
(चंदन परिवार) के जय जिनेन्द्र।

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